किन 5 कारणों से बढ़ जाती है 'दिल की धड़कन' ? जानिए 

Moneycontrol News July 12, 2024

By Roopali Sharma

इंसान के शरीर में हृदय यानी दिल सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. अनियमित जीवनशैली और गलत खानपान के कारण हृदय रोगों के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है

हार्ट हेल्थ 

कई बार तनाव, घबराहट और तेज दौड़ने के कारण हृदय गति तेज हो जाती है. दिल की धड़कन में लगातार बदलाव होना एक सामान्य स्थिति में गंभीर भी हो सकता है

दिल की धड़कन

दिल की धड़कन को अनियमित होने की स्थिति को अरिदमिया के नाम से भी जानते हैं. अरिदमिया के कारण हृदय में ब्लड क्लॉट, हार्ट फेलियर समेत कई अन्य बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है

दिल की धड़कन अनियमित होने के कारण 

थकान, सांस लेने में तकलीफ होना, चक्कर आना, बेहोशी, सीने में दर्द और बेचैनी आदि दिल की धड़कन के अनियमित होने के लक्षण हैं

अनियमित दिल की धड़कन के लक्षण

हार्ट फेलियर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और हार्ट वाल्व से जुड़ी बीमारियों के वजह से भी दिल की धड़कन अनियमित हो सकती  है

हार्ट डिजीज 

थायरॉयड हार्मोन का कम और ज्यादा उत्पादन होने के कारण भी कुछ लोगों के दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है

थायरॉयड हार्मोन

अधिक मात्रा में शराब और कैफीन लेने से भी दिल की धड़कन अनियमित होने का जोखिम बढ़ जाता है

शराब और कैफीन

अगर आपके परिवार के किसी सदस्य को दिल की धड़कन अनियमित होने की बीमारी है, तो यह बीमारी आपको भी होने की संभावना रहती है

जेनेटिक कारक

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, एक स्वस्थ वयस्क का हृदय प्रति मिनट 60 से 100 बार धड़कता है. लेकिन दिल की धड़कन प्रति मिनट 100 से अधिक हो जाना गंभीर माना जाता है

दिल की धड़कन प्रति मिनट 100 से अधिक