पेरेंटिंग आसान काम नहीं. बच्चों के लिए माता पिता आइडल की तरह होते हैं और वे अपने पेरेंट्स को देखकर ही अधिकतर आदतें अपनाते हैं
पेरेंटिंग के गुर
ऐसे में अगर आप उनके सामने बेहतर तरीके से व्यवहार कर रहे हैं या गुड हैबिट्स फॉलो कर रहे हैं तो यह आपके बच्चों की सोच पर पॉजिटिव इफेक्ट डालता है
अच्छी आदतों पर जोर
बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए जरूरी है कि पहले आप डिसिप्लिन में रहें
कुछ बुरी आदतें छोड़ें
अगर आपसे कुछ गलती हो जाती है तो उसे इग्नोर करने से पहले मांफी मांगना सीखें. जो माता पिता अपनी गलतियों को बच्चों के सामने मान लेते हैं बच्चे उनकी बातों की वैल्यू करते हैं
अपनी गलती पर अड़े रहना
कुछ पिता गंभीर बने रहने के चक्कर में बच्चों के प्रति अपने प्यार को नहीं दिखाते हैं. जिससे उनके बीच दूरियां बन जाती हैं. ऐसा ना करें और उन्हें भरपूर दुलारे और प्यार करें
प्यार ना दिखाना
अगर आपको अपने इमोशन पर कंट्रोल नहीं है और आप बात बात पर गुस्सा होकर बच्चों को डाटने लगते हैं तो बच्चे में एंजायटी स्ट्रेस की वजह बन सकता है. इसलिए ऐसा ना करें
इमोशन पर कंट्रोल ना होना
अगर आपका बच्चा प्राइवेसी चाहता है तो उसे उसकी जरूरत के हिसाब से थोड़ी प्राइवेसी देना जरूरी है. कई माता पिता ऐसा करना गलत समझते हैं
प्राइवेसी ना देना
कुछ लोक घर के कामकाज या जरूरी फैसलों में बच्चों की सलाह नहीं लेते. ये तरीका गलत हो सकता है. अगर आप उन्हें घर की चीजों में इन्वॉल्व करेंगे तो वे जिम्मेदार बनेंगे
बच्चों की सलाह ना लेना
आप बच्चों में जैसी वैल्यूज डेवलप करना चाहते हैं उनसे उस पर बात करें। समय-समय पर उन्हे कुछ बातों में एक्सप्लेशन और गाइडेंस की जरूरत होती है