क्या है PM विश्वकर्मा योजना, किसे होगा फायदा, कब से लागू?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर कारीगरों और शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल को बढ़ावा देने वाली ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत करेंगे. 

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी. 

पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री राजधानी के द्वारका स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) में इस योजना की शुरुआत करेंगे

केंद्र सरकार ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना को शुरू करने की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में की थी

इस योजना के लिए वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक 13,000 करोड़ रुपये रखा गया है. 

इस योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के अभ्यास को बढ़ावा देना और मजबूत करना है. 

PMO के अनुसार योजना के तहत लाभार्थियों को 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ एक लाख रुपये (पहली किश्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. 

पीएमओ ने कहा कि पारंपरिक शिल्प से जुड़े लोगों को समर्थन देने पर प्रधानमंत्री मोदी का निरंतर ध्यान रहा है. 

इसमें 18 पारंपरिक शिल्प को कवर किया जाएगा. इनमें बढ़ई, नाव निर्माता, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, जूता बनाने वाला, झाड़ू बनाने वाला, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं. 

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