प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर कारीगरों और शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल को बढ़ावा देने वाली ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत करेंगे.
PMO के अनुसार योजना के तहत लाभार्थियों को 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ एक लाख रुपये (पहली किश्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
इसमें 18 पारंपरिक शिल्प को कवर किया जाएगा. इनमें बढ़ई, नाव निर्माता, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, जूता बनाने वाला, झाड़ू बनाने वाला, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं.