Deepika Sharma
कसूरी मेथी के स्वाद और उसकी सुगंध का क्या ही कहना. खाने में अगर ऊपर से कसूरी मेथी डाल दी जाए तो सब्जी-तरकारी महक उठती है.
सर्दियों में मिलने वाली मेथी को कई लोग धूप में सुखा लेते हैं और फिर उसे स्टोर करते हैं. अक्सर महिलाएं इसे ही कसूरी मेथी मान लेती हैं.
पर असल में ये कसूरी मेथी नहीं है. खाते तो सब हैं लेकिन कई लोग ये नहीं जानते कि आखिर कसूरी मेथी में 'कसूरी' का असली मतलब क्या है.
कई लोग इस 'कसूरी मेथी' के शब्द का ऑरिजन 'कस्तूरी' से समझते हैं. क्योंकि ये सुगंधित भी होती है, तो इसलिए इसे कस्तूरी से जुड़ा शब्द मान लिया जाता है. पर ये गलत है.
असल में कसूरी मेथी में ये शब्द इसकी खुशबू की वजह से नहीं बल्की इसकी पैदावार की वजह से आया है. 'कसूरी मेथी' में ये शब्द पाकिस्तान के शहर ‘कसौर’ से आया है.
आजादी से पहले कसौर भारत का ही एक शहर था, लेकिन बंटवारे के बाद ये पाकिस्तान में चला गया. बंटवारे से पहले कसौर में उगने वाली मेथी की किस्म दुनिया की सबसे बेहतरीन मेथी मानी जाती है.
मेथी यूं तो पंजाब और राजस्थान में खूब पैदा होती है. लेकिन कसौर में पैदा होने वाली मेथी की खुशबू पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलती.
मेथी की ये वैरायटी कसौर जिले में उगाई जाती थी, इसलिए इसे ‘कसूरी मेथी’ कहा जाने लगा. ये कसूरी मेथी आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध है.
बंटवारे के बाद जब कसौर की ये मेथी पाकिस्तान की हो गई तो पंजाब के मलेरकोटला और राजस्थान के नागौर में मेथी की यही वैरायटी उगाई जाने लगी है.