1528 में बाबर ने चंदेरी पर कब्जा करने के लिए हमला किया था.
इसमें चंदेरी के राजा ने मुगल सेनाओं से युद्ध करते हुए वीरगति प्राप्त की थी.
यह युद्ध चंदेल वंश के शासक राजा मेदिनी राय खंगार और बाबर के बीच लड़ा गया था.
राजपूत लड़ाके वीरता पूर्वक लड़कर वीरगति को प्राप्त हुए.
इस युद्ध में राजपूतों की हार हुई और चंदेरी मुगल शासन के अधीन आ गया.
युद्ध में पराजय देखकर राजपूत वीरांगनाओं ने अपने आपको अग्नि को समर्पित कर जौहर किया था.