सिर्फ इस वजह से द्रोपदी के चीरहरण पर चुप थे भीष्म पितामह!

महाभारत में द्रौपदी का चीरहरण का किस्सा बहुत प्रसिद्ध है.

महाभारत में चीरहरण की ये घटना बेहद शर्मनाक मानी जाती है. 

धृतराष्ट्र के पुत्र दुशासन ने अपने बड़े भाई दुर्योधन के कहने पर कुकर्म किया था.

जिस समय द्रोपदी का चीरहरण हो रहा था तब भीष्म पितामह वहीं मौदूज थे.

उस समय द्रोपदी ने भीष्म पितामह से चीरहरण रोकने की गुहार लगाई थी.

जब पितामह बाणों की शैय्या पर लेटे थे तब द्रोपदी उनसे मिलने पहुंची थी.

द्रोपदी ने पितामह से कहा आप मेरे चीरहरण के समय मौन क्यों थे?

उस समय भीष्म पितामाह ने कहा मैं चाहकर भी कुछ नहीं कर पाया.

मैं उस अधर्मी का अन्न खा रहा था, जिससे मेरा मन भी उसके अधीन हो गया था.