मौत के बाद क्यों नहीं होता अघोरियों का अंतिम संस्कार
अघोरी शब्द का संस्कृत में मतलब 'उजाले की ओर' होता है
अघोरियों का रहन-सहन सामान्य लोगों के उलट ही नजर आता है
माना जाता है कि इनके पास पारलौकिक शक्तियां होती हैं
पूर्णमासी की रात को लाश पर बैठकर तंत्र साधना करते हैं
मानते हैं कि मृतक से इनको ऊर्जा प्राप्त होती है
अघोरी बनने के लिए श्मशान में 12 साल तक तपस्या जरूरी
अघोरी पशु बलि की पंरपरा को निभाते हैं ताकि मुक्ति मिल सके
अघोरी शिव और शव के उपासक होते हैं
शिव के पांच स्वरूपों में एक रूप 'अघोर' भी है
क्लिक
और स्टोरीज पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें