बच्चों को आंखें मलते हुए देखा आपने भी होगा, लेकिन कभी सोचा कि ऐसा क्यों है?
माता पिता को सिखाया जाता है कि जब बच्चे थक जाते हैं, तो आंखें रगड़ते हैं.
लेकिन अब कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इसकी असल वजह तलाश ली है.
बच्चे अपना अधिकांश समय अपने आस-पास की वस्तुओं को घूरने में बिताते हैं.
इतना ही नहीं, वयस्कों की अपेक्षा बच्चे एक मिनट में कुछ ही बार पलकें झपकाते हैं.
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कम पलकें झपकाने से उनकी आंखें सूख जाती हैं, जिससे खिंचाव आता है.
बार बार पलक झपकाने से आसुओं की परत निकलती है, जो आंखों को नर्म रखती है.
बच्चे ज्यादा पलकें नहीं झपकाते, इसलिए कार्निया की सतह पर सूखे धब्बे बन जाते हैं.
इन सूखे धब्बों को आंखों से हटाने के लिए ही बच्चे आंखें रगड़ते हैं.