सफेद रंग, स्वच्छता और शांति दर्शाता है.
इस वजह से अस्पतालों की दीवारें, डॉक्टरों के कोट, चादर, तकिया भी सफेद रंग के ही होते हैं.
जिससे मरीज को वहां साफ-सुथरे वातावरण का अनुभव हो.
पहले डॉक्टरों के स्क्रब सफेद ही हुआ करते थे.
मगर 1900 के शुरुआती सालों में डॉक्टरों को समझ आया कि सफेद स्क्रब के क्या खतरे हैं.
खून के गहरे लाल रंग को लगातार देखते रहने के बाद, तुरंत सफेद पोशाक को देखा जाए.
तो कुछ पल के लिए आंखें चमक जाती हैं.
इसके बाद से ही डॉक्टरों ने हरे और नीले रंग के स्क्रब को पहनना शुरू किया.
तुरंत लाल रंग से नजरें हटाकर हरे या नीले रंग को देखने से आंखों को आराम मिलता है.