निमाड़ क्षेत्र में पुरानी एक खास परंपरा निभाई जाती है.
ये परंपरा लगभग 200 साल पुरानी है.
इसमें मां बाप विदाई के बाद बेटी के पैरों के निशान लेते हैं.
ये निशान कुंकुम से सफेद कपड़े पर लिए जाते हैं.
इसे वह लक्ष्मी के रूप में अपने घर की तिजोरी में रखते हैं.
ताकि उनके घर में भी लक्ष्मी की आवक बनी रहे.
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में आज भी यह परंपरा निभाई जाती है.
पंडित शैलेंद्र मुखिया ने ये जानकारी दी है.