क्रिकेट 18वीं सदी में शुरू हुआ. उस वक्त उन्हीं कपड़ों का इस्तेमाल हुआ, जो आसानी से उपलब्ध थे.
उसी दौरान सफेद रंग के कपड़ों को पहनने का निर्णय लिया गया जो पूरी तरह सही था.
क्रिकेट एक समर स्पोर्ट, यानी गर्मी के दिनों का खेल था.
टेस्ट मैच को 5 दिन खेला जाना था. खिलाड़ी एक दिन में 8 घंटे तक मैदान पर रहते थे.
सफेद रंग के कपड़े चुने गए जिससे वो ज्यादा से ज्यादा सनलाइट रिफ्लेक्ट कर दे.
कम गर्मी लगने से खिलाड़ियों का स्ट्रेस लेवल कम हो जाता था.
वो कम थकते थे और बिना बेहोश हुए, मैदान पर ज्यादा देर तक रुक पाते थे.
एक कारण ये भी है कि ब्रिटिश सफेद रंग को रॉयल्टी और शान का प्रतीक मानते थे.
क्रिकेट को जेंटलमेन्स गेम कहा गया और इसमें सफेद कपड़े पहनना शुरू कर दिया गया.