भूकंप पता चलता है, धरती की रफ्तार क्यों नहीं?

भूकंप के झटकों से इमारतें, पेड़-पौधे और लोग हिल जाते हैं.

धरती की 1600 किलोमीटर की रफ्तार हमें महसूस नहीं होती.

इसके पीछे भी विज्ञान का स्थिरता वाला नियम काम करता है.

हम धरती के साथ उसकी रफ्तार में घूमते रहते हैं और इसके आदी हो चुके हैं.

ठीक उसी तरह जैसे फ्लाइट या ट्रेन में बैठे हुए हम गति को महसूस नहीं करते.

जैसे ही ट्रेन या फ्लाइट धीमी या तेज़ होती है, तो हमें झटका लगता है.

इसी तरह धरती की रफ्तार में भी भूकंप की वजह से परिवर्तन होता है.

हमारी नियत रफ्तार जैसे ही बदलती है, हमें तेज़ झटका महसूस होता है.

यही वजह है कि धरती के घूमने से हमें फर्क नहीं पड़ता, लेकिन भूकंप तबाही ला देता है.