जन्म तारीख, समय के बिना...यहां बनेगी कुंडली 

कई बार लोगों को अपना जन्म समय, जन्मतिथि पता नहीं होती. 

आपकी भी यही समस्या है तो ये खबर आपके लिए.

ज्योतिष शास्त्र में ये सब नहीं होने पर भी कुंडली बनाई जाती है.

काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने इस पर जानकारी दी है. 

उन्होंने बताया कि पराशर ऋषि ने ‘नष्ट जातकम’ अध्याय की रचना की है. 

जिसके आधार पर ऐसे लोगों की कुंडली बनाई जा सकती है.

इसके अलावा महान विद्वान कालिदास के ‘उत्तर कालामृत’ में भी इसके लिए तकनीक बताई गई है. 

इस तकनीक के आधार पर 1 से 108 तक के अंक को पूछकर उसकी गणना की जाती है. 

प्रश्न कुंडली का निर्माण कर उस समय के लग्न, जातकों के भाव और सवालों के आधार पर भी कुंडली बनती है. 

हालांकि ज्योतिष शास्त्र में इसकी गणना काफी कठिन मानी जाती है.