फेसम जूतियां चाहिए तो इस मार्केट में चले जाएं

राजस्थान की हस्तकलाओं ने पूरी दुनिया में अनूठी छाप छोड़ी है. 

चमड़े से बनी जूती (मोजड़ी) बेहद टिकाऊ होती है.  

मारवाड़ में जूती को पैरों की शान मानते हैं. 

जूती पर बना कसीदा काफी शानदार होता है. 

जालौर की जूतियां वजन में हल्की और आकर्षित होती है. 

जालौर की स्थानीय भाषा में जूती को मोजड़ी कहा जाता है.  

जिसे जीनगर समाज के लोग बनाते हैं.  

सबसे ज्यादा जूतियां भीनमाल व बड़गांव में बनाई जाती है.